दिसंबर फेड बैठक की महत्वपूर्ण बातें
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9-10 दिसंबर, 2025 को फेडरल रिजर्व (फेड) की इस वर्ष की आखिरी पॉलिसी बैठक होगी और दुनिया भर के ट्रेडरों की इस पर करीब से नज़र है। 2025 में पहले दो दर कट के बाद (एक सितंबर में और दूसरा 29 अक्टूबर में, टारगेट रेंज को घटाकर 3.75%–4.00% किया गया था), बड़ा प्रश्न यह है कि क्या फेड एक कट और करेगा या स्पष्ट सिग्नल की इंतजार में रुकेगा।
नवम्बर CPI विश्लेषण में बताए अनुसार, इस आखिरी फेडरल रिजर्व बैठक से पहले सितंबर में जारी महंगाई डेटा ने मार्केट की उम्मीदें बनाने में अहम भूमिका निभाई। वर्ष के बीच से मैक्रो बैकग्राउंड में काफी बदलाव आया: आर्थिक ग्रोथ की गति कम हो रही है, लेबर मार्केट उदासीन है और सर्विसेज़ की महंगाई अभी जारी है। इसके ऊपर हाल ही में लंबे समय तक चले U.S. सरकार के शटडाउन पर भी ध्यान दें, जो नवंबर के बीच में ही कम होना शुरू हुआ, जिससे अनेक ज़रूरी डेटा रिलीज़ में रुकावट आई और अब फेड के सामने कम स्पष्टता से बड़ी पॉलिसी कॉल करने की चुनौती है।
वर्ष की समाप्ति में इस समस्त अनिश्चितता के साथ, मार्केट का ध्यान इस बात पर है कि 2026 में फेड इकोनॉमी को कैसे आगे बढ़ाएगा।
अक्टूबर की FOMC बैठक के बाद से क्या बदला है?
अक्टूबर की बैठक में, फेड ने दर में 25 बेसिस पॉइंट्स (bps) की कटौती की, जिससे टारगेट रेंज 3.75%–4.00% हो गया। बड़े बदलाव में, फेड ने यह भी घोषणा की कि 1 दिसंबर को क्वांटिटेटिव टाइटनिंग (QT) खत्म हो जाएगी, जिससे उसकी ट्रेजरी और मॉर्गेज-बैक्ड सिक्योरिटीज होल्डिंग्स में कटौतियां रुकेगी।
तब से, अनेक घटनाक्रमों से दिसंबर के लिए अनेक आशाएं बनीं हैं:
1. ग्रोथ धीमी हो रही है
Q2 2025 में विशेषकर AI टेक्नोलॉजी से संबंधित वास्तविक GDP,3.8% की वार्षिक दर से, महत्वपूर्ण रूप से मजबूत कंज्यूमर स्पेंडिंग और बिजनेस निवेश में बढ़ोतरी के कारण, पहले के अनुमानों से ऊपर की ओर बढ़ी। बहरहाल, इस मजबूत ग्रोथ के बाद Q1 2025 में 0.6% की गिरावट आई, जो पूरे वर्ष गति के असमान होने का संकेत है।
Q3 और Q4 में भविष्य के अनुमान मंदी के हैं, क्योंकि ग्रोथ पर कमजोर कंज्यूमर स्पेंडिंग और सतर्क बिजनेस निवेश का दबाव है। हाल ही में हुए सरकारी शटडाउन से वर्ष के दूसरे हिस्से के लिए ज़रूरी आर्थिक डेटा रिलीज़ में भी देरी हुई, जिससे इकोनॉमी की मौजूदा हालत में अनिश्चितता बढ़ी है।
नीचे दिया गया चार्ट रियल GDP में हाल की तिमाही बदलाव है, जो Q12025 में गिरावट और उसके बाद Q2 में तेज़ उछाल है, जो इकोनॉमी में असमान रफ़्तार दर्शाता है:

स्रोत: यू.एस. ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक एनालिसिस (BEA)
फेड चेयर जेरोम पॉवेल ने 29 अक्टूबर, 2025 की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मंदी को माना, और कहा कि “पिछले वर्ष 2.4 प्रतिशत के मुकाबले इस वर्ष हमें लगता है इकॉनमी लगभग 1.6 प्रतिशत धीमी रफ़्तार से बढ़ रही है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर शटडाउन न होता तो ग्रोथ “कुछ दसवें हिस्से ज़्यादा” हो सकती थी, यह दर्शाते हुए कि कैसे अंदरूनी आर्थिक नरमी और डेटा में रुकावटों ने आउटलुक को मुश्किल बनाया है (फेडरल रिजर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस ट्रांसक्रिप्ट, 29 अक्तूबर, 2025)।
2. लेबर मार्केट: ठंडा पड़ रहा है, लेकिन गिर नहीं रहा
नौकरियों की बढ़ोतरी धीमी, हायरिंग कम हो गई है और कुछ सेक्टरों में दबाव दिखाई दे रहा है। लेकिन मंदी के इंडिकेटर मिले-जुले हैं, जिससे पता चलता है कि लेबर मार्केट गिरने के बजाय घट रहा है।
चार्ट में दर्शाए मासिक नॉन-फॉर्म पेरोल गेन में यह ट्रेंड गिरावट दर्शाता है:

स्रोत: U.S. ब्यूरो ऑफ़ लेबर आंकड़े, जनवरी 2021 – अगस्त 2025
अगस्त 2025 में, हेल्थकेयर जॉब्स में 31,000 बढ़ोतरी हुई, जो 12 माह के औसत से कम थी, जबकि फेडरल गवर्नमेंट, मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और होलसेल ट्रेड में रोजगार में कमी आई। इन सेक्टर शिफ्ट के बावजूद, बेरोजगारी दर 4.3% पर और लेबर फोर्स सहभागिता 62.3% पर स्थिर रही। हालांकि, हालिया डेटा बेरोजगारी क्लेम में बढ़ोतरी और होम-बिल्डर सेंटिमेंट में कमी दर्शाते हैं, जिससे हायरिंग में कुछ कमजोर उतार-चढ़ाव का इशारा है।
फेड चेयर जेरोम पॉवेल ने यह देखते हुए कि “आर्थिक एक्टिविटी उम्मीद से कुछ ज़्यादा मज़बूत हो सकती है,” लेबर मार्केट की असामान्य स्थिरता पर ज़ोर दिया और “मौजूदा प्रमाण दर्शाते हैं कि लेऑफ और हायरिंग दोनों कम बने हुए हैं।” (फेडरल रिजर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस ट्रांसक्रिप्ट, 29 अक्तूबर, 2025)
3. मंहगाई: कुछ राहत के बावजूद कीमतें ऊंची
हेडलाइन मंहगाई अपनी ऊंचाई से कम हुई है, जिससे कुछ प्रोग्रेस दिखाई दे रही है। लेकिन, कोर PCE प्राइस इंडेक्स, जिसमें खाने-पीने की चीज़ों और एनर्जी की अस्थिर कीमतें शामिल नहीं हैं, अब भी ऊंचा है, जो हाउसिंग और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर में लगातार महंगाई का दबाव दर्शाता है।
नीचे दिया गया चार्ट दर्शाता है कि कोर PCE प्राइस इंडेक्स 2021 के शुरु से लगातार बढ़ रहा है और फेड के 2% महंगाई लक्ष्य के लेवल से ऊपर है, जिसे हरी डैश वाली लाइन से दिखाया गया है। हालांकि बढ़ोतरी की रफ़्तार धीमी हुई है, लेकिन लगातार ऊंचा प्राइस लेवल फेड की इकॉनमी को जोखिम में डाले बिना महंगाई को तेज़ी से कम करने की क्षमता सीमित करता है।

स्रोत: U.S. ब्यूरो ऑफ़ लेबर आंकड़े वाया FRED
बढ़े हुए प्राइस लेवल का लगातार बने रहना भविष्य में फेड के पॉलिसी फैसले प्रभावित कर सकता है।
4. डेटा की कमी: सरकारी शटडाउन की समस्या
सबसे बड़ी मुश्किल सरकारी डेटा की कमी है। शटडाउन में देरी हुई है:
- नॉन-फार्म पेरोल
- CPI और PCE मंहगाई अपडेट
- GDP में बदलाव
- रिटेल और प्रोडक्शन रिपोर्ट
इतनी महत्वपूर्ण रिलीज़ होल्ड पर होने के कारण, फेडरल रिजर्व इकॉनमी की अधूरी तस्वीर के साथ काम कर रहा है। फेड गवर्नर स्टीफन मिरान ने हाल ही में CNBC को दिए इंटरव्यू में आगे की सोच वाले तरीके के महत्व पर ज़ोर दिया, और कहा कि “अगर आप अभी के डेटा के अनुसार पॉलिसी बना रहे हैं, तो आप पीछे की सोच रहे हैं।” चूंकि मॉनेटरी पॉलिसी का इकॉनमी पर प्रभाव डालने में आमतौर पर 12 से 18 माह लगते हैं, इसलिए उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सिर्फ़ मौजूदा डेटा पर निर्भर रहने के बजाय, एक वर्ष या उससे अधिक समय बाद इकॉनमी कहाँ होगी, इसके अनुमान के आधार पर फैसले लेने चाहिए।
यह अनिश्चितता मार्केट में भी आई है। दिसंबर के फैसले का अनुमान लगाने में ट्रेडर अधिक सावधान हो गए हैं; कुछ को प्राइवेट सेक्टर के कमजोर इंडीकेटरों के आधार पर दर में कटौती की आशा है, जबकि अन्य इकॉनमी की अंदरूनी मज़बूती की ओर इशारा करते हैं। डेटा ब्लैकआउट से पॉलिसी के लिए महत्वपूर्ण क्षण में ट्रेड को गलत समझने का खतरा बढ़ जाता है।
मार्केट की उम्मीदें: एक और कटौती या थोड़ी देर रुकना?
नए डेटा और फेड की कमेंट्री सामने आने के साथ मार्केट प्राइसिंग में तेज़ी से बदलाव आया है:
- मार्केट-इंप्लाइड ऑड्स (CME फेडवॉच) दिसंबर में 25-bps कटौती के लिए लगभग 69% हैं, 27 नवंबर को फेड बेज बुक रिलीज़ से पहले (यह तारीख-सेंसिटिव है और रोज़ बदलती है)।
- मौजूदा प्राइसिंग का 25 bps कटौती के पक्ष में थोड़ा सा झुकाव है, लेकिन हाल के सिग्नल ने भी रुकने की संभावना को सपोर्ट किया है।
- सरकारी शटडाउन के कारण महंगाई और रोज़गार के डेटा के न आने से दोनों तरफ जोखिम बढ़े हैं, जिससे पूर्वानुमान मुश्किल हो गए हैं।
- मार्केट सेंसिटिविटी अधिक है:
o USD रेंज-बाउंड रहा है लेकिन फेड की टिप्पणियों पर तेज़ी से रिएक्ट करता है।
o अनिश्चितता के बीच मांग होने पर गोल्ड हाल की ऊंचाई के पास सेफ-हेवन बना हुआ है।
o सहज वित्तीय स्थिति की आशाओं से इक्विटी में स्थिरता दिखाई दे रही है।
o 2026 के शुरु में राहत की उम्मीदों के चलते यील्ड लगातार कम हो रही है।
फेड गवर्नर स्टीफन मिरान ने हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में लंबे समय तक रोक लगाने वाली पॉलिसी के खतरों की चेतावनी देते हुए कहा है कि “आप जितने लंबे समय तक पॉलिसी को रोक लगाने वाला रखेंगे, इस बात का खतरा उतना अधिक होगा कि मॉनेटरी पॉलिसी खुद ही मंदी ला रही है।” यह नज़रिया कुछ पॉलिसी बनाने वालों की बढ़ती चिंताएं दर्शाता है कि दर में कटौती में देरी से अनजाने में इकॉनमी में मंदी आ सकती है।
इस बीच, दूसरे लोग लगातार महंगाई के दबाव और मज़बूत सर्विस सेक्टर को दर में बहुत तेज़ी से कटौती करने में रोक लगाने की वजह बता रहे हैं।
ग्लोबल मार्केट पर असर
फेड के दिसंबर के फैसले का असर दुनिया भर में होगा, जिससे करेंसी, कमोडिटीज और रिस्क सेंटिमेंट पर असर पड़ेगा:
फेड अगर कटौती करता है:
o USD कमजोर हो सकता है, जिससे साउथ अफ्रीकन रैंड (ZAR) और सिंगापुर डॉलर (SGD) जैसी इमर्जिंग मार्केट करेंसी के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियन डॉलर (AUD) को भी सपोर्ट मिलेगा।
o कमजोर डॉलर और ढीली मॉनेटरी कंडीशन से गोल्ड को फायदा हो सकता है।
o ग्लोबल बॉन्ड यील्ड कम होने पर, दुनिया भर में रिस्क एसेट को मजबूती मिलेगी।
फेड अगर रोकता है:
o कठोर पॉलिसी की आशाओं के बीच USD मजबूत हो सकता है।
o मार्केट की पोजीशन में बदलाव होने पर कमोडिटी में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है।
o रिस्क एसेट पर शॉर्ट-टर्म दबाव पड़ सकता है।
o 2026 के शुरु में मार्केट में दर की उम्मीदें अधिक हो सकती हैं।
दुनिया भर के ट्रेडरों के लिए, ये बदलाव बेहद ज़रूरी हैं, जो USD/JPY, EUR/USD, जैसे FX युग्मों और कमोडिटी-लिंक्ड करेंसी के साथ-साथ कीमती मेटल्स को भी प्रभावित करते हैं।
ट्रेडिंग इनसाइट: पॉलिसी की अनिश्चितता के लिए तैयारी
लंबे समय से लापता डेटा और फेड पॉलिसीमेकरों में मतभेद देखते हुए, ट्रेडरों को चाहिए:
- प्राइवेट पेरोल सर्वे, परचेजिंग मैनेजर्स इंडीसीज (PMIs), और ऑनलाइन प्राइस ट्रैकर जैसे अन्य आर्थिक इंडीकेटरों पर ध्यान दें।
- ज़रूरी करेंसी युग्मों और सेफ हेवन — USD/JPY, EUR/USD, XAU/USD पर नज़र रखें।
- व्हिपसॉ रिस्क मैनेज करने के लिए अनाउंसमेंट से पहले डायरेक्शनल एक्सपोजर हेज करें।
- फुर्तीला बने रहने के लिए आर्थिक कैलेंडर, सेंटीमेंट गेज और संभावित ट्रैकरों का इस्तेमाल करें।
- अनाउंसमेंट और पॉवेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अधिक उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहें।
Q1 2026 में यह बैठक मार्केट की दिशा काफी हद तक बदल सकती है, जिससे तैयारी ज़रूरी हो जाती है।
फेड का नाजुक बैलेंसिंग एक्ट
दिसंबर की FOMC बैठक 2025 की सबसे अनिश्चित बैठक है। बहुत जल्द दर कम करने से महंगाई की रफ़्तार उलटने का खतरा है, जबकि बहुत अधिक इंतज़ार करने से लेबर मार्केट और आर्थिक ग्रोथ कमज़ोर हो सकती है।
क्वांटिटेटिव कठोरता खत्म होने और ग्रोथ धीमी होने के साथ, फेड की राह पहले से कम साफ़ है। फेड चेयर पॉवेल का डेटा और लचीलेपन पर फोकस इस चुनौती को दर्शाता है।
फेड चाहे कटौती करे या रोके, ट्रेडरों को अलर्ट, ज़रूरी डेटा मॉनिटर और उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए। दिसंबर का फ़ैसला 2026 में मॉनेटरी पॉलिसी और मार्केट को आकार देगा।
अगला कदम
फेड के फ़ैसले को लेकर इतनी अनिश्चितता से, यह ट्रेड करने के मौके का भी संकेत देता है, लेकिन सावधानी ज़रूरी है। इसलिए, नवीनतम मार्केट इनसाइट्स पर अपडेट रहने के लिए ATFX की मार्केट न्यूज से जानकारी रखने का हम सुझाव देते हैं। ट्रेडिंग में यदि आप नए हैं या अपनी स्ट्रेटेजी बेहतर बनाना चाहते हैं, तो हमारे व्यापक ट्रेडिंग एजुकेशन एंड टूल्स देखें और हमारे टूलों के इस्तेमाल से असरदार तरीके से अपने रिस्क मैनेज करें। आप अस्थिर मार्केट पर नज़र रख रहे हों या अपने अगले कदम की योजना बना रहे हों, ATFX आपकी ट्रेडिंग यात्रा में मदद करने के लिए यहाँ है।
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