फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में कैसे खरीदें और बेचें: बेहतर समय खोजना

विषयसूची:

  1. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग का अवलोकन
  2. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में खरीदना और बेचना क्या है
  3. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में कैसे खरीदें और बेचें
  4. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में कब खरीदें और बेचें
  5. टॉप 3 सर्वाधिक ट्रेड होने वाले करेंसी युग्‍म
  6. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में खरीदें और बेचें का सारांश
  7. ATFX से फॉरेक्‍स खरीदें और बेचें

 

  1. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग का अवलोकन

मुनाफा कमाने के लिए ग्‍लोबल वित्तीय बाजारों में फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में करेंसियां खरीदना और बेचना होता है। संभावित लाभ बढ़ाने के लिए ट्रेडर लीवरेज जैसी स्‍ट्रेटजियों के उपयोग से, करेंसी युग्‍मों के मूल्यों में उतार-चढ़ाव का विश्लेषण और प्रतिक्रिया करते हैं। बाजार सोमवार से शुक्रवार तक लगातार कार्य करता है और इसमें बैंक, वित्तीय संगठन, कंपनियां और व्यक्तिगत ट्रेडर जैसे अनेक प्‍लेयर शामिल होते हैं।

करेंसी युग्‍मों, स्प्रेड और पिप्स समझना और तकनीकी, फंडामेंटल और भावना विश्लेषण स्‍ट्रेटजियों का उपयोग आवश्यक है। बाजार की अस्थिरता और पर्याप्त नुकसान की संभावना के कारण, जोखिम मैनेज करना और प्रभावी ढंग से भरोसेमंद ब्रोकर चुनना आवश्यक है।

 

  1. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में खरीदना और बेचना क्या है

फॉरेक्‍स ट्रेडिंग करते समय, “खरीदें” का अर्थ इस उम्मीद से एक करेंसी युग्‍म खरीदकर लॉंग पोजीशन ओपन करना है कि कोट करेंसी के मुकाबले बेस करेंसी के मूल्य में वृद्धि होगी। दूसरी ओर, “बेचना” का अर्थ, यह अनुमान लगाते हुए कि बेस करेंसी का मूल्यह्रास होगा, करेंसी युग्‍म बेचकर शॉर्ट पोजीशन ओपन करना है।

ख़रीदना (लॉंग होना): करेंसी युग्‍म की ट्रेडिंग के समय, लोग कोट करेंसी बेचते समय बेस करेंसी खरीदते हैं। इसे युग्‍म के ‘लॉग’ रहने या खरीदने के ऑप्‍शन के रूप में इसे जाना जाता है। ट्रेडर के खरीदारी करने पर, वे अनुमान लगाते हैं कि प्राथमिक ट्रेडिंग करेंसी का मूल्य दूसरी ट्रेडिंग करेंसी के मुकाबले बढ़ेगा। EUR/USD में ट्रेडिंग होने पर, उम्मीद की जाती है कि डॉलर के मुकाबले यूरो मजबूत होगा।

 

Buying

 

बेचना (शॉर्ट करना): किसी विशिष्ट करेंसी युग्‍म पर जब ट्रेडर “शॉर्ट करते” हैं, तो अनिवार्य रूप से वे बेस करेंसी बेच और साथ ही, कोट करेंसी खरीद रहे होते हैं। यह इस प्रत्याशा पर आधारित है कि बेस करेंसी का मूल्य कोट करेंसी के सापेक्ष कम हो जाएगा। पूर्वानुमान के सटीक होने पर, ट्रेडर अधिक अनुकूल दर पर युग्‍म खरीदने का इरादा रखते हैं, जिससे वे लाभान्वित होते हैं। उदाहरण के लिए, EUR/USD की ट्रेडिंग करते समय, ट्रेडर शर्त लगाता है कि डॉलर के मुकाबले यूरो का धीरे-धीरे अवमूल्यन होगा।

 

Selling

 

  1. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में कैसे खरीदें और बेचें

बाज़ार में सफलता के लिए, फॉरेक्‍स युग्‍मों को कैसे खरीदना और बेचना है, ट्रेडरों को इसे समझना चाहिए। बाजार में प्रवेश करते समय करेंसियां खरीदने और बेचने का बेहतर समय निर्धारित करने से पूर्व ट्रेडरों को फॉरेक्‍स ट्रेडिंग करते समय खरीदने और बेचने में शामिल विभिन्न तत्‍व समझने चाहिए। इसीलिए, फॉरेक्‍स खरीदने और बेचने के तरीके पर ट्रेडरों के लिए अब व्यापक मार्गदर्शिका उपलब्ध है।

 

चरण 1: बाज़ार समझें

फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में शामिल होने से पहले, बाजार की बनावट समझना महत्वपूर्ण है। फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में, ट्रेडर EUR/USD या USD/JPY जैसे करेंसी युग्‍मों में ट्रांजेक्‍शन करते हैं, विशिष्ट करेंसी को प्रत्‍येक के लिए तीन-अक्षर कोड से दर्शाया जाता है।

फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में प्रयुक्त शब्दावली समझना महत्वपूर्ण है। खरीद के लिए करेंसी जिस कीमत पर उपलब्ध हो उसे “आस्‍क मूल्य”, जबकि करेंसी खरीदना “बिड मूल्य” के रूप में जाना जाता है। ब्रोकर की फीस के प्रतिनिधित्व के रूप में बिड और आस्‍क मूल्‍य का अंतर “स्‍प्रेड” के रूप में जाना जाता है। “पिप” करेंसी युग्‍म में होने वाला मामूली मूल्य परिवर्तन दर्शाता है।

 

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चरण 2: बाज़ार का विश्लेषण करें

खरीद और बिक्री का बेहतर समय जानने के अलावा, फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में सफलता के लिए, बाजार प्रभावित करने वाले कारकों की गहन समझ और इन कारकों का सटीक विश्लेषण करने की क्षमता का होना जरूरी है।

 

  1. आर्थिक इंडीकेटर

फॉरेक्‍स बाज़ार में, ट्रेडर आर्थिक इंडीकेटरों पर बारीकी से नज़र रखते हैं जो किसी देश के वित्तीय स्वास्थ्य और स्थिरता प्रकट करते हैं। सकल घरेलू उत्पाद (GDP), बेरोजगारी और मुद्रास्फीति दर के बेस पर व्यापक आर्थिक स्थितियों का मूल्यांकन होता है।

 

  1. राजनीतिक घटनाक्रम

राजनीतिक स्थिरता और शासन किसी देश की अर्थव्यवस्था की ताकत प्रभावित कर सकता है, जिसके बदले उसकी करेंसी की ताकत प्रभावित होती है। चुनाव, ट्रेडिंग समझौते और भू-राजनीतिक स्थिरता जैसी राजनीतिक घटनाएं महत्वपूर्ण कारकों में शामिल हैं।

 

  1. तकनीकी विश्लेषण

तकनीकी विश्लेषण से भविष्य के व्यवहार की भविष्यवाणी करने के लिए पिछले करेंसी मूल्य उतार-चढ़ावों का विश्लेषण करना फॉरेक्‍स बाजार रिसर्च का महत्वपूर्ण तत्व है। तकनीकी इंडीकेटर, चार्ट और पैटर्न इस प्रक्रिया के सभी महत्वपूर्ण घटक हैं।

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चरण 3: ट्रेडिंग अकाउंट बनाएं

फॉरेक्‍स ब्रोकर चुनते समय, उत्पादक, सुरक्षित और अनुकूलित ट्रेडिंग यात्रा की गारंटी के कुछ कारकों पर आपको विचार करना चाहिए। ATFX, दुनिया भर में सुप्रसिद्ध ब्रोकर है, जो ट्रेडरों को महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उत्कृष्टता उपलब्‍ध करवाता है, जिनमें प्रतिस्पर्धी स्प्रेड, फ्री ट्रेडिंग टूल, कोई कमीशन शुल्क नहीं और तेज ट्रेडिंग निष्पादन समय प्रदान करना शामिल है।

 

चरण 4: ट्रेडिंग शुरू करें

फॉरेक्‍स खरीदने और बेचने का तरीका समझने और डेमो या लाइव ट्रेडिंग अकाउंट सेटअप करने के बाद, ट्रेडर करेंसी युग्‍मों को खरीद और बेचकर फॉरेक्‍स ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। फॉरेक्‍स ट्रेडिंग शुरू करने के लिए लोगों के याद रखने योग्य कुछ बातें यहां बताई गई हैं।

 

  1. ट्रेड में प्रवेश करें

अपनी पसंदीदा करेंसी युग्‍म चुनें। बाजार विश्लेषण के आधार पर तय करें कि युग्‍म को खरीदना है या बेचना।

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  1. ट्रेड का आकार तय करें

अपनी जोखिम मैनेजमेंट स्‍ट्रेटजियों और उन फंडों के आधार पर खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडरों को करेंसी युग्‍म की राशि तय करनी होगी जिनमें वे जोखिम उठाने में सहज हों।

अपनी जोखिम मैनेजमेंट स्‍ट्रेटजी और जोखिम क्षमता देखते हुए, खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडरों को करेंसी युग्‍म की मात्रा का आकलन और निर्धारण करना चाहिए।

 

  1. स्टॉप-लॉस और टेक-प्रॉफिट पॉइंट सेट करें

जोखिम मैनेजमेंट के लिए ये आवश्यक टूल चाहिएं। बाजार प्रतिकूल होने पर, अधिक नुकसान से बचाने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर आपकी पोजीशन को पूर्व निर्धारित मूल्य पर क्‍लोज कर देगा। कीमत आपके लाभ लक्ष्य के अनुरूप लेवल पर पहुंचने पर, टेक-प्राफि‍ट आर्डर पोजीशन क्‍लोज कर सकता है।

 

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  1. ट्रेड मॉनिटर करें

ट्रेडरों को अपनी सक्रिय पोजीशन और मौजूदा बाजार स्थितियां मॉनिटर करनी चाहिएं। अलर्ट और सिग्नल के उपयोग से ट्रेडरों को महत्वपूर्ण बदलाव संबंधी अपडेट में मदद मिलती है।

 

  1. पोजीशन क्‍लोज करें

स्टॉप-लॉस या टेक-प्रॉफिट ऑर्डर निष्पादित न होने पर ट्रेडर मैन्युअल तरीके से अपने ट्रेड क्‍लोज कर सकते हैं। बाज़ार धारणा में बदलाव, उनकी जोखिम सहनशीलता तक पहुँचने या भिन्‍न स्‍ट्रेटजी फॉलो करने से यह निर्णय प्रभावित हो सकता है।

 

चरण 5: लगातार सीखें और अपनाएँ

फॉरेक्‍स बाज़ार विकसित होने पर लचीला होना और लगातार सीखते रहना महत्वपूर्ण है। बाज़ार समाचार और आर्थिक कैलेंडर से सीखते रहना, ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियों की बारंबार समीक्षा करना और व्यक्तिगत अनुभवों से सबक लेना आवश्यक अभ्यास हैं।

 

  1. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में कब खरीदें और बेचें

फॉरेक्‍स खरीदने और बेचने के तरीके में महारत होने पर, फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में कब खरीदना और बेचना है, इसका समय समझना जरूरी है। लिक्विडिटी और अस्थिरता के उच्चतम बिंदु पर अनुभवी ट्रेडर ट्रेडिंग की सलाह देते हैं। चार प्राथमिक ट्रेडिंग सत्रों – सिडनी, टोक्यो, लंदन और न्यूयॉर्क के माध्यम से फॉरेक्‍स बाजार कार्य करता है। कभी-कभी ये सत्र ओवरलैप होते हैं, जिसके कारण ट्रेडिंग वॉल्यूम और लिक्विडिटी बढ़ती है। लाभ को अधिकतम और जोखिम कम करने के लिए ट्रेडरों को समझना चाहिए कि फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में कब खरीदना और बेचना है।

 

लंदन और न्यूयॉर्क सत्रों का ओवरलैप (8:00 पूर्वाह्न से 12:00 अपराह्न EST)

ट्रेडों की काफी संख्या देखते हुए, फॉरेक्‍स ट्रेडिंग की यह श्रेष्‍ठ अवधि है। दो महत्वपूर्ण बाजारों के मिलकर आने से उच्च लिक्विडिटी और अस्थिरता होती है, जिससे अक्सर टाईट स्‍प्रेड और ट्रेडिंग के अधिक उत्कृष्ट मौके मिलते हैं।

 

टोक्यो-लंदन ओवरलैप (3:00 पूर्वाह्न से 4:00 पूर्वाह्न EST)

विशेष रूप से यूरो, ब्रिटिश पाउंड और जापानी येन जैसी करेंसी युग्‍मों की इस अवधि में, पर्याप्‍त लिक्विडिटी होती है। फिर भी, लंदन-न्यूयॉर्क ओवरलैप में अस्थिरता की कमी होती है।

फॉरेक्‍स युग्‍म खरीदने और बेचने का श्रेष्‍ठ समय निर्धारित करने के लिए फॉरेक्‍स ट्रेडर विभिन्न ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां उपयोग करते हैं, बाजार में ट्रेडिंग की सफलता के लिए मुख्‍यता प्रभावी स्‍ट्रेटजियों का उपयोग महत्‍वपूर्ण है। मुनाफ़ा अनुकूलित और जोखिम कम करने के लिए फॉरेक्‍स ट्रेडरों को विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णयों पर विचार करना चाहिए।

 

  1. ट्रेंड फॉलो करना

बाज़ार की प्राथमिक प्रवृत्ति किसी विशेष प्रवृत्ति के आधार पर प्रवृत्ति को फॉलो करने और निवेश से स्थापित होती है। यह स्‍ट्रेटजी इस विचार पर आधारित है कि करेंसियों का मजबूत और कमजोर होना समय के साथ एक ही दिशा में जारी रह सकता है।

उदाहरण: ट्रेडर 50-दिवसीय और 200-दिवसीय मूविंग एवरेज जैसे इंडीकेटर उपयोग करते हैं। छोटी अवधि का एवरेज लंबी अवधि के एवरेज (गोल्डन क्रॉस) से अधिक होने पर, यह खरीदारी का सिग्‍नल बनता है, जबकि नीचे (डेथ क्रॉस) पार करने पर बेचने का सिग्‍नल बनता है। इसके अलावा, ट्रेडर तेजी के ट्रेंड, जैसे आरोही त्रिकोण और मंदी के ट्रेंड जैसे अवरोही त्रिकोण, पहचानने के लिए चार्ट पैटर्न उपयोग कर सकते हैं।

 

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  1. डे ट्रेडिंग

डे ट्रेडर रातोंरात मूल्य परिवर्तन के प्रभाव खत्म करने के लिए एक ही दिन में सभी ट्रेड निष्पादित कर अंतिम रूप देते हैं। अल्पकालिक मूल्य भिन्नताएं समझने और पहचानने के लिए वे तकनीकी विश्लेषण तकनीकों पर भरोसा करते हैं, जैसे बाजार भावना और अल्पकालिक मूल्य बदलाव का आकलन करना।

उदाहरण: डे ट्रेडर संभावित ट्रेडिंग अवसर पहचानने के लिए अल्पकालिक चार्ट का विश्लेषण करते हैं। उदाहरण के लिए, 15 मिनट के GBP/USD चार्ट पर मूविंग एवरेज पर सपोर्ट लेवल से ऊपर की ओर ट्रेंड देखने पर, वे ट्रेडिंग डे लॉंग पोजीशन से शुरू कर सकते हैं और उसी दिन विशेष प्रतिरोध लेवल पर कीमत पहुंचने पर इसे लिक्विडेट कर सकते हैं।

 

  1. स्‍कैल्पिंग

स्कैल्पिंग में मामूली मूल्य परिवर्तन से लाभ के लिए बार-बार ट्रेडिंग करनी होती है। स्कैलपर आमतौर पर केवल कुछ मिनट या सेकंड के लिए ही पोजीशन ओपन रखते हैं। प्रभावी स्केलपरों को घाटे मैनेज करने में कठोर और संभावित ट्रेड पहचानने के तकनीकी विश्लेषण की गहन समझ होनी चाहिए।

उदाहरण: EUR/USD युग्‍म एक ट्रेडिंग सत्र में लगातार 1.1800 और 1.1810 के बीच उतार-चढ़ाव करती है, जिसका स्‍कैल्‍पर फायदा उठा सकता है। अधिकतम लाभ के लिए, वे 1.1801 पर खरीदकर दिन में कई बार 1.1809 पर बेचेंगे।

 

  1. रेंज ट्रेडिंग

फॉरेक्‍स रेंज ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियां स्पष्ट रूप से परिभाषित सपोर्ट और प्रतिरोध लेवलों में उतार-चढ़ाव करने वाले करेंसी युग्‍मों का उपयोग करती हैं। ट्रेडर तकनीकी विश्लेषण के उपयोग से सपोर्ट लेवलों के करीब खरीदारी और प्रतिरोध लेवलों के पास बेचकर इन रेंज की पहचान करते हैं। अपने ट्रेडिंग प्रवेश और निकास बिंदुओं को मान्य करने के लिए वे RSI और स्टोचैस्टिक ऑसिलेटर जैसे इंडीकेटर भी उपयोग करते हैं।

उदाहरण: पिछले कुछ सप्‍ताहों में EUR/USD 1.1200 (सपोर्ट) और 1.1350 (प्रतिरोध) के बीच मूव हो गया है। जब कीमत 29 की RSI रीडिंग से सपोर्ट लेवल से वापस उछलती है, तो ट्रेडर 1.1210 पर खरीद ऑर्डर शुरू करने पर विचार कर सकता है। स्टॉप लॉस ऑर्डर 1.1180 (सपोर्ट से थोड़ा नीचे) पर रखना और 1.1340 (केवल प्रतिरोध के नीचे) पर लाभ लेना भी एक विकल्प है।

 

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इन कार्यों के लिए ट्रेडर बाजार या लिमिट आर्डर उपयोग करते हैं और बाजार समय की गहन समझ, ओवरलैपिंग ट्रेडिंग सत्रों में अस्थिरता और आर्थिक घटनाओं का प्रभाव सफल ट्रेडिंग के लिए महत्वपूर्ण है। फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में कब खरीदना और बेचना है इसके निर्धारण के लिए प्रभावी तकनीकी और फंडामेंटल विश्लेषण और मजबूत जोखिम मैनेजमेंट स्‍ट्रेटजियां भी जरूरी हैं।

 

  1. टॉप 3 सर्वाधिक ट्रेड होने वाले करेंसी युग्‍म

अपनी उच्च लिक्विडिटी, व्यापक लोकप्रियता और महत्वपूर्ण बाजार ट्रेड वॉल्‍यूम के कारण EUR/USD, GBP/USD और USD/JPY ग्‍लोबल लेवल पर सर्वाधिक ट्रेड होने वाले करेंसी युग्‍म हैं।

 

GBP/USD

GBP/USD करेंसी युग्‍म जिसे “केबल” कहते हैं, फॉरेक्‍स बाजार में सर्वाधिक कारोबार वाला दूसरा युग्‍म है। “केबल” शब्द की उत्पत्ति पानी के नीचे टेलीग्राफ केबल से हुई जो 19वीं शताब्दी में लंदन और न्यूयॉर्क के बीच विनिमय दरें प्रसारित करती थी। इस युग्‍म की अस्थिरता ब्रेक्सिट, आर्थिक इंडीकेटर और यूके और यूएस में ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव जैसे मूलभूत कारकों से काफी प्रभावित हैं।

 

EUR/USD

EUR/USD, जिसे “यूरो-डॉलर” के रूप में जानते हैं, फॉरेक्‍स बाजार में सर्वाधिक व्यापक रूप से ट्रेड होने वाली करेंसी युग्‍म है। यह यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका की आर्थिक स्थितियां दर्शाता है। ट्रेडर इस करेंसी युग्‍म को इसके तंग स्‍प्रेड और प्रचुर आर्थिक डेटा के कारण पसंद करते हैं, जिनसे व्यापक फंडामेंटल विश्लेषण हो पाता है।

 

USD/JPY

USD/JPY युग्‍म अमेरिकी डॉलर और जापानी येन में विनिमय दर का प्रतिनिधित्व करती है। इसे अक्‍सर “गोफर” कहते हैं, सर्वाधिक कारोबार वाला यह तीसरा करेंसी युग्‍म है। यह युग्‍म एशियाई बाजारों की आर्थिक भलाई के महत्वपूर्ण इंडीकेटर का कार्य करता है और एशियाई आर्थिक स्थितियों में बदलाव के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है।

लिक्विडिटी के विभिन्न लेवल पूरे करती इन तीन करेंसी युग्‍मों में अलग-अलग विशेषताएं हैं और ट्रेडरों को विविध ट्रेडिंग अवसर देती हैं। फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में सफलता के लिए इन युग्‍मों को प्रभावित करने वाले अतिरिक्त तत्वों की गहनता से समझ जरूरी है।

 

  1. फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में खरीदें और बेचें का सारांश

  • फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने में करेंसियों के युग्‍म के उतार-चढ़ाव में अटकलें होती हैं।

  • फॉरेक्‍स ट्रेडिंग करते समय, ट्रेडर एकसाथ एक करेंसी खरीदता और दूसरी या इसके विपरीत बेचता है।

  • जब ट्रेडर को कोट करेंसी के मुकाबले बेस करेंसी के मूल्य में वृद्धि की अपेक्षा होती है, तो आमतौर पर वे लॉंग करते हैं (खरीदते हैं)। इसके विपरीत, जब उनका अनुमान होता है कि कोट करेंसी के मुकाबले बेस करेंसी का मूल्य कम होगा तो वे शॉर्ट (बेचना) करते हैं।

  • फॉरेक्‍स ट्रेडिंग का सबसे अनुकूल समय वह है जब ओवरलैपिंग ट्रेडिंग सत्रों में अक्सर उच्च लिक्विडिटी और अस्थिरता हो।

  • फॉरेक्‍स ट्रेडिंग की सफलता मुख्‍य रूप से फॉरेक्‍स खरीदना और बेचना पहचानने की सावधानीपूर्वक नियोजित स्‍ट्रेटजियों पर निर्भर है। इन स्‍ट्रेटजियों में ट्रेंड ट्रैकिंग, डे ट्रेडिंग, स्‍केल्पिंग और रेंज ट्रेडिंग शामिल हैं।

  • फॉरेक्‍स बाजार में आमतौर पर सर्वाधिक इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी अमेरिकी डॉलर और EUR/USD करेंसी युग्‍म, जो सर्वाधिक कारोबार वाली युग्‍म है, का कारोबार होता है।

 

  1. ATFX से फॉरेक्‍स खरीदें और बेचें

फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में खरीद और बिक्री की जानकारी पाने और यह निर्धारित करने के बाद कि फॉरेक्‍स ट्रेडिंग में कब खरीदना और बेचना है, मौजूदा बाजार स्थितियों की समझ का मूल्यांकन जरूरी है। अनुभवी ट्रेडर ATFX लाइव अकाउंट के उपयोग से लाइव फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकते हैं। जिन शुरुआती लोगों को वित्तीय बाज़ार की पक्की समझ न हो, उन्हें अभ्यास के लिए डेमो अकाउंट से शुरुआत करनी चाहिए। डेमो अकाउंट लाइव अकाउंट की तरह ही चलता है, जिसमें यूजरों को वास्तविक फंड जोखिम में डाले बिना प्लेटफ़ॉर्म, बाज़ार और ट्रेडिंग स्‍ट्रेटजियों से परिचित होने देता है। ट्रेडिंग यात्रा शुरू करने के लिए आज ही मानार्थ डेमो अकाउंट के लिए साइन अप करें!

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